स्वस्थ युवा व्यक्ति में प्रकुंचन दाब (systolic pressure) 120-160 और अनुशिथिलन दाब (diastolic pressure) 80 से 90 मिमी. पारा होता है।
2.
कलाई-बंद में पहले प्रकुंचन धमनीय दाब से अधिक दाब उत्पन्न करने के लिए हवा भरी जाती है, और बाद में 30 सेकंड की अवधि में अनुशिथिलन दाब से कम हो जाता है.जब रक्त प्रवाह शून्य हो (कलाई-बंद दाब प्रकुंचन दाब से अधिक) या अबाध हो (कलाई-बंद दाब अनुशिथिलन दाब से कम), तब कलाई-बंद दाब निश्चित रूप से स्थिर बना रहता है.
3.
कलाई-बंद में पहले प्रकुंचन धमनीय दाब से अधिक दाब उत्पन्न करने के लिए हवा भरी जाती है, और बाद में 30 सेकंड की अवधि में अनुशिथिलन दाब से कम हो जाता है.जब रक्त प्रवाह शून्य हो (कलाई-बंद दाब प्रकुंचन दाब से अधिक) या अबाध हो (कलाई-बंद दाब अनुशिथिलन दाब से कम), तब कलाई-बंद दाब निश्चित रूप से स्थिर बना रहता है.
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कलाई-बंद में पहले प्रकुंचन धमनीय दाब से अधिक दाब उत्पन्न करने के लिए हवा भरी जाती है, और बाद में 30 सेकंड की अवधि में अनुशिथिलन दाब से कम हो जाता है.जब रक्त प्रवाह शून्य हो (कलाई-बंद दाब प्रकुंचन दाब से अधिक) या अबाध हो (कलाई-बंद दाब अनुशिथिलन दाब से कम), तब कलाई-बंद दाब निश्चित रूप से स्थिर बना रहता है.
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कलाई-बंद में पहले प्रकुंचन धमनीय दाब से अधिक दाब उत्पन्न करने के लिए हवा भरी जाती है, और बाद में 30 सेकंड की अवधि में अनुशिथिलन दाब से कम हो जाता है.जब रक्त प्रवाह शून्य हो (कलाई-बंद दाब प्रकुंचन दाब से अधिक) या अबाध हो (कलाई-बंद दाब अनुशिथिलन दाब से कम), तब कलाई-बंद दाब निश्चित रूप से स्थिर बना रहता है.